Sunday, 27 June 2021

पानी के बारे में 10 जानकारियाँ

जानिए पानी के 10 महत्वपूर्ण जानकारी


1. पानी हाइड्रोजन (Hydrogen) के 2 और ऑक्सीजन (Oxygen) के १ अणु से मिलकर बना होता है. इसका रासायनिक सूत्र H2O है.

2. शुद्ध पानी की न तो कोई गंध होती है, न ही स्वाद. इसका Ph Level ७ होता है. यह न तो अम्लीय होता है न क्षारीय.

3. पृथ्वी पर पानी ही ऐसा पदार्थ है, जो ठोस, द्रव और गैस तीनों अव्स्था में पाया जाता है.

4. पानी एकमात्र ऐसा पदार्थ है, जो ठोस रूप में अपने द्रव रूप से हल्का होता है. इस कारण बर्फ पानी में तैर पाती है.

5. गर्म पानी ठंडे पानी की तुलना में तेजी से जमता है.

6. पानी का घनत्व 3.98 ० C होता है. जमने पर इसका घनत्व कम हो जाता है और आयतन ९% तक बढ़ जाता है.

7. एक गैलन पानी का वजन 8 pounds होता है.

8. पानी में घुले नमक की मात्रा बढ़ने से इसका freezing point कम हो जाता है. सामान्य खारेपन में समुद्र का पानी -2 डिग्री सेल्सियस पर जमता है.

9. पानी की उष्माधारिता (Heat Capacity) अपेक्षाकृत अधिक होती है. इस कारण पानी का boiling point बहुत उच्च होता है. १ किलोग्राम पानी का तापमान 1 degree celsius बढ़ाने के लिए 4,185 Joules ऊष्मा की आवश्यकता होती है. इस गुण के कारण ही पानी को उद्योगों और वाहनों में coolant के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

10. उष्माधारिता (Heat Capacity) अधिक होने के गुण के कारण पानी धरती के तापमान को नियंत्रित करने में प्रमुख भूमिका निभाता है.

Thursday, 17 June 2021

कैसे हुआ कोका कोला को फूटवालर रोनाल्डो की वजह से नुकसान

कुछ इस तरह से हुआ था कोका कोला कम्पनी का नुकसान 

1-दरहसल बात ये है स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने यूरो कप 2020 की प्रेस कॉन्फ्रेंस में से कोका कोला की दो बोतलें क्या हटा दी, इसके बाद से तो कंपनी की मार्केट वैल्यू ही हजारों करोड़ रुपये कम हो गई. क्रिस्टियानो के इस कदम भर से कोका कोला की मार्केट वैल्यू 4 बिलियन डॉलर यानी 29,323 करोड़ रूपये गिर गई. खास बात ये है कि कोका कोला कंपनी यूरो कप 2020 की मुख्य प्रायोजक है।

2-ये पूरी घटना हंगरी के खिलाफ पुर्तगाल टीम के यूरो 2020 के मैच से पहले की है। स्टार स्ट्राइकर ने अपने सामने से कोका कोला की दो बोतलें हटा दीं और इसे बनाने वाली कंपनी कोका कोला (Coca-Cola) को 29,323 करोड़ रुपये की चपत लग गई।

3-यूरो कप की मौजूदा चैंपियन टीम पुर्तगाल है और क्रिस्टियानो रोनाल्डो उसी पुर्तगाली टीम के कप्तान हैं. ऐसे में हंगरी के खिलाफ मैच से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. लेकिन टेबल पर कोका कोला की बोतल देखते ही रोनाल्डो बिफर पड़े।

4-रोनाल्डो (Ronaldo) ने गुस्से में चिल्लाकर कहा, 'कोल्ड ड्रिंक (Coca-Cola) नहीं, हमें पानी पीने की आदत डालनी चाहिए.' बता दें कि 36 साल के रोनाल्डो (Ronaldo) फिट रहने के लिए किसी भी तरह के कोल्ड और एयरेटेड ड्रिंक से दूर रहते हैं. वो दुनिया के सबसे फिट और सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक हैं

5-रोनाल्डो के इस कदम से कंपनी के शेयरों की कीमत धड़ाम हो गई. सोमवार को मार्केट खुलने से पहले कोका-कोला के एक शेयर की कीमत 56.10 अमेरिकी डॉलर थी, लेकिन कुछ ही देर यह लुढ़ककर 55.22 डॉलर तक आ गई. इससे कोका-कोला (Coca-Cola) के बाजार मूल्यांकन में 4 बिलियन डॉलर यानी 29,323 करोड़ रुपये की कमी आ गई


Saturday, 12 June 2021

क्या सच मे करोड़पति बना देगी ये उल्टी

कोरोना वैक्सीन की वजह से बना ब्यक्ति में घर्षण

10 बच्चो को जन्म देने वाली मा

फलौरेंस नइटिंगल कौन थीं।

कौन थी फलौरेंस नइटिंगल जिन्हे महारानी विक्टोरिया ने रॉयल रेड क्रॉस से सम्मानित किया।
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फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल को आधुनिक नर्सिग आन्दोलन का जन्मदाता माना जाता है। दया व सेवा की प्रतिमूर्ति फ्लोरेंस नाइटिंगेल "द लेडी विद द लैंप" (दीपक वाली महिला) के नाम से प्रसिद्ध हैं। इनका जन्म एक समृद्ध और उच्चवर्गीय ब्रिटिश परिवार में हुआ था। लेकिन उच्च कुल में जन्मी फ्लोरेंस ने सेवा का मार्ग चुना। १८४५ में परिवार के तमाम विरोधों व क्रोध के पश्चात भी उन्होंने अभावग्रस्त लोगों की सेवा का व्रत लिया। दिसंबर १८४४ में उन्होंने चिकित्सा सुविधाओं को सुधारने बनाने का कार्यक्रम आरंभ किया था। बाद में रोम के प्रखर राजनेता सिडनी हर्बर्ट से उनकी मित्रता हुई।

नर्सिग के अतिरिक्त लेखन और अनुप्रयुक्त सांख्यिकी पर उनका पूरा ध्यान रहा। फ्लोरेंस का सबसे महत्वपूर्ण योगदान क्रीमिया के युद्ध में रहा। अक्टूबर १८५४ में उन्होंने ३८ स्त्रियों का एक दल घायलों की सेवा के लिए तुर्की भेजा। इस समय किए गए उनके सेवा कार्यो के लिए ही उन्होंने लेडी विद द लैंप की उपाधि से सम्मानित किया गया। जब चिकित्सक चले जाते तब वह रात के गहन अंधेरे में मोमबत्ती जलाकर घायलों की सेवा के लिए उपस्थित हो जाती। लेकिन युद्ध में घायलों की सेवा सुश्रूषा के दौरान मिले गंभीर संक्रमण ने उन्हें जकड़ लिया था। 

१८५९ में फ्लोरेंस ने सेंट थॉमस अस्पताल में एक नाइटिंगेल प्रक्षिक्षण विद्यालय की स्थापना की। इसी बीच उन्होंने नोट्स ऑन नर्सिग पुस्तक लिखी। जीवन का बाकी समय उन्होंने नर्सिग के कार्य को बढ़ाने व इसे आधुनिक रूप देने में बिताया। १८६९ में उन्हें महारानी विक्टोरिया ने रॉयल रेड क्रॉस से सम्मानित किया। ९० वर्ष की आयु में १३ अगस्त, १९१० को उनका निधन हो गया।

सन 1840 में इंग्लैंड में भयंकर अकाल पड़ा और अकाल पीडितो की दयनीय स्थिति देखकर वह बैचैन हो गयी | अपने एक पारिवारिक मित्र डा. फोउलेर से उन्होंने नर्स बनने की इच्छा प्रकट की | उनका यह निर्णय सुनकर उनके परिजनों और मित्रो में खलबली मच गयी |उनकी माँ को यह आशंका थी कि उनकी पुत्री किसी डॉक्टर के साथ भाग जायेगी | ऐसा इन दिनों शायद आम था |

इतने प्रबल विरोध के बावजूद फ्लोरेंस नाईटेंगल (Florence Nightingale) ने अपना इरादा नही बदला | विभिन्न देसों में अस्पतालों की स्थिति के बारे में उन्होंने जानकारी जुटाई और शयनकक्ष में मोमबत्ती जलाकर उसका अध्ययन किया | उनके दृढ़ संकल्प को देखकर उनके माता-पिता को झुकना पड़ा और उन्हें कैन्सवर्थ संस्थान में नर्सिंग की ट्रेनिंग के लिए जाने की अनुमति देनी पड़ी | सन 1854 में क्रीमियम युद्ध में फ्लोरेंस नाईटेंगल को The Lady With a Lamp का उपनाम टाइम्स अखबार में छपी इस खबर के आधार पर मिल गया

“वह तो साक्षात देवदूत है | दुर्गन्ध और चीख पुकार से भरे इस अस्थायी अस्पतालों में वह एक दालान से दुसरे दालान में जाती है और हर एक मरीज की भावमुद्रा उनके प्रति आभार और स्नेह के कारण द्रवित हो जाती है | रात में जब सभी चिकित्सक और कर्मचारी अपने अपने कमरों में सो रहे होते है तब वह अपने हाथो में के लैंप लेकर हर बिस्तर तक जाती है और मरीजो की जरुरतो का ध्यान रखती है ” सन 1859 में फ्लोरेंस नाईटेंगल (Florence Nightingale) ने सेंट थोमस अस्पताल में नर्सिंग ट्रेनिंग की स्थापना की | अक्टूबर 1854 में उन्होंने 38 स्त्रियों के दल के एक दल को घायलों की सेवा के लिए तुर्की भेजा था |

1860 में नाइटिंगेल ने लन्दन में सेंट थॉमस हॉस्पिटल की स्थापना कर प्रोफेशनल नर्सिंग की नीव रखी थी। दुनिया का यह पहला धर्मनिरपेक्ष नर्सिंग स्कूल था, जो आज लन्दन के किंग्स कॉलेज का ही एक भाग है। नर्सिंग में उनके पायनियर (अद्वितीय) कार्य के लिए उन्हें सम्मान देते हुए उनके नाम का एक मैडल भी जारी किया गया, जिसे नर्सिंग की दुनिया का सबसे बड़ा अवार्ड भी माना जाता है।

साथ ही उनमे जन्मदिवस को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उनके द्वारा किये गए सामाजिक सुधारो में उन्होंने ब्रिटिश सोसाइटी के सभी भागो में हेल्थकेयर को काफी हद तक विकसित किया। भारत में बेहतर भूख राहत की वकालत की और जहाँ महिलाओ पर अत्याचार होते है वहाँ महिलाओ के हक में लड़ी और देश में महिला कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

नाइटिंगेल एक विलक्षण और बहुमुखी लेखिका थी। अपने जीवनकाल में उनके द्वारा प्रकाशित किए गये ज्यादातर लेखो में चिकित्सा ज्ञान का समावेश होता था। उन्होंने कुछ लेख सरल अंग्रेजी भाषा में भी लिखे है, ताकि जिनकी अंग्रेजी ज्यादा अच्छी नही है वे लोग भी उन्हें आसानी से समझ सके। साथ ही सांख्यिकीय जानकारी की चित्रमय प्रस्तुति को बढ़ावा देने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके बहुत से कार्यो में हमें, उनके द्वारा किये गये धार्मिक और सामाजिक कार्यो की छवि दिखाई पड़ती है।